न्यूज डेस्क, अमर अजाला, जयपुर
Published by: प्रियंका तिवारी
Updated Tue, 23 Mar 2021 10:32 AM IST
सार
- 58 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली आंधी से 300 बिजली के पोल और 12 ट्रांसफाॅर्मर गिरे
- 132 व 220 केवी का एक-एक टावर भी टिक न सका, डिस्कॉम को दो करोड़ का नुकसान
- सौ गांव और 500 ढाणियों में छाया अंधेरा, पेड़ गिरने से हजारों पक्षियों की गई जान
राजस्थान में आई तेज आंधी के बाद की तस्वीरें
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
राजस्थान में रविवार रात से उठी आंधी के कारण बीते सोमवार को भी लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। प्रदेश के जैसलमेर शहर में रविवार रात करीब 11 बजे व सोमवार को दोपहर बाद भयानक आंधी आई। बताया जा रहा है कि ऐसी भयंकर आंधी पिछले 20 सालों में किसी ने नहीं देखी थी। इस आंधी-तूफान ने जिले में सब कुछ तहत-नहस करके रख दिया। इससे लगभग एक हजार करोड़ रुपये की फसलें खराब हो गईं।
इतना ही नहीं, तेज हवाओं ने अपनी रफ्तार से तीन हजार से ज्यादा पेड़ गिरा दिए। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ पेड़ सौ-सौ साल पुराने थे। 58 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली आंधी ने 300 बिजली के पोल और 12 ट्रांसफाॅर्मर उखाड़ दिए।
वहीं कच्ची झोपड़ियां, टीन शेड व छपरे उड़ गए। हवा में इतना बल था कि 132 व 220 केवी का एक-एक टावर भी टिक न सका और जमीन पर गिर गया। डिस्कॉम को करीब दो करोड़ का नुकसान हुआ। सौ गांव और करीब 500 ढाणियों में अंधेरा छा गया। पेड़ गिरने से हजारों पक्षियों की जान चली गई। उदयपुर व झुंझुनूं में बिजली गिरने से एक-एक लोगों की मौत की पुष्टि भी हुई है।
पर्यटन स्थल सम के धोरों पर 200 से अधिक टेंट बिखर गए। आंधी से जैसलमेर, बाड़मेर, जाेधपुर व जालोर तक रेत ही रेत छा गई। जैसलमेर-फतेहगढ़ में जीरा, इसबगोल और चने की फसल को नुकसान हुआ है। इतने भयानक मंजर के बाद सरकार ने कलेक्टर आशीष मोदी से रिपोर्ट मांगी है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कृषि विभाग, राजस्व विभाग व बीमा कंपनी से नुकसान के तुरंत सर्वे के निर्देश दिए हैं।
इस बार आई भीषण आंधी को लेकर जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के ने कहा कि प्री-मानसून सीजन में हवा में नमी कम है। जमीन शुष्क होने से मेघगर्जन वाले यह बादल अंधड़ का रूप ले लेते हैं। इस बार औसत से दो डिग्री तक ज्यादा पारा है। पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है, इसलिए मार्च में ही मई जैसे अंधड़ आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई शहरों में सोमवार दोपहर के बाद अचानक आए तेज अंधड़ की रफ्तार 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा रही। इस दौरान भी कई पेड़ गिर गए। वहीं, कई जगह पर तो अधंड़ थमने के बाद ओले गिरे और बूंदाबांदी भी हुई।
इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। कहा जा रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार तक रहेगा। अगले चौबीस घंटे में अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, दौसा, जयपुर, करौली, स. माधोपुर, सीकर, टोंक, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ में आंधी-अंधड़ के साथ हल्की बारिश और ओले गिरने की संभावना बनी हुई है।