हर SMS कंटेंट को भेजने से पहले उसकी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को स्क्रबिंग कहते हैं.
ट्राई ने बताया है कि SMS Scrubbing की प्रक्रिया बुधवार से फिर से शुरू होगी. स्क्रबिंग प्रक्रिया के तहत हर एसएमएस को यूज़र्स के पास पहुंचने से पहले रजिस्टर्ड टेंप्लेट से वेरिफाई किया जाता है.
हालांकि ट्राई ने फिलहाल के लिए मैसेज को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अनुमति दे दी है, भले ही कंटेंट टेम्पलेट रेजिस्टर्ड न हो, या फिर कंटेंट गायब हो, या फिर रेजिस्टर्ड टेम्प्लेट और डिलीवरी वाला मैसेज मैच न करता हो.
ट्राई ने एक पत्र में कहा कि टेलिकॉम कंपनियों को स्क्रबिंग प्रक्रिया में विफल रहने वाले एसएमएस ट्रैफिक के प्रतिशत पर प्रतिदिन रिपोर्ट बनानी होगी, और 23 मार्च 2021 को फिर से पूरी प्रक्रिया की समीक्षा होगी. 8 मार्च को इस प्रक्रिया को लागू करने से लोगों को काफी समस्या झेलनी पड़ी, जिसके चलते इसपर रोक लगा दी गई थी.
ट्राई ने ये फैसला नए नियमों के कारण OTP और SMS आने में दिक्कत होने की शिकायत मिलने के बाद किया था और कंपनियों को नया फ्रेमवर्क अपनाने के लिए और 7 दिन का समय दिया था. TRAI ने जुलाई 2018 में स्पैम से छुटकारा दिलाने के लिए बिना रजिस्टर किए गए सेंडर को कमर्शियल मैसेज भेजने से रोकने का नियम SMS Scrubbing बनाया था, जिसे 8 मार्च को लागू किया गया था.SMS सर्विस में डिसरप्शन की वजह से बैंकों, ई-कॉमर्स और दूसरी कंपनियों का SMS आने में काफी देर हो रही थी. ये दिक्कत किसी एक नेटवर्क या ऐप की नहीं बल्कि हर जगह थी.
क्या है SMS स्क्रबिंग?
हर SMS कंटेंट को भेजने से पहले उसकी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को स्क्रबिंग कहते हैं. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI को आदेश दिया था कि वह तुरंत फर्जी SMS पर रोक लगाए जिसकी वजह से आम लोग झांसे में आ जाते हैं. कोर्ट के इस आदेश को पूरा करने के लिए TRAI ने नया DLT सिस्टम शुरू किया. नए DLT सिस्टम में रजिस्टर्ड टेम्पलेट वाले हर SMS के कॉन्टेंट को वेरिफाई करने के बाद ही डिलीवर किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को स्क्रबिंग कहते हैं. इस सिस्टम को पहले भी कई बार लागू करने की कोशिश की गई थी.