बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का आग्रह करने के साथ ही उन्हें इस बात के लिए अधिकृत किया कि वह संगठन में जरूरी बदलाव करें. कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई ने सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र की पृष्ठभूमि में नेताओं को कांग्रेस का अनुशासन एवं गरिमा बनाए रखने के लिए अपनी बातें पार्टी के मंच पर रखने की नसीहत दी और कहा कि किसी को भी पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
काफी हंगामेदार रही बैठक
सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक काफी हंगामेदार रही और अधिकतर सदस्यों ने पत्र लिखने वाले नेताओं को निशाने पर लिया. अंबिका सोनी और कुछ अन्य नेताओं ने पत्र लिखने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं और कांग्रेस मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में लड़ाई लड़ रही थी तो इस तरह का पत्र क्यों लिखा गया?कुछ खबरों में कहा गया था कि राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया कि पत्र लिखने वाले नेता भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं जिसके बाद गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की, हालांकि बाद में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गांधी की तरफ से ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई.नपहले राहुल गांधी की इस कथित टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद बताया कि उनकी तरफ से ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई.
बाद में गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि राहुल गांधी की तरफ से ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई. आजाद ने कहा कि सीडब्ल्यूसी से बाहर के कुछ नेताओं ने ऐसा आरोप लगाया था जिसको लेकर उनकी तरफ से कहा गया कि आरोप साबित होने पर इस्तीफा दे देंगे.
हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में आजाद और सिब्बल भी
आजाद और सिब्बल सोनिया को भेजे गए पत्र में हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल हैं.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक, बैठक के आखिर में सोनिया ने कहा कि कांग्रेस के किसी भी व्यक्ति ने भले ही उनको लेकर ठेस पहुंचाने वाली बात की हो, लेकिन उन्होंने कभी किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखी. सोनिया ने यह भी कहा कि पार्टी एक बड़े परिवार की तरह है, जहां असहमति होती है.
सोनिया गांधी के सहयोग के लिए बनेगी व्यवस्था
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सहयोग के लिए एक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए. बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाए रखना लंबे समय तक नहीं हो सकता और नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए जल्द अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए.
सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार-विमर्श मीडिया के माध्यम से या सार्वजनिक पटल पर नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस कार्य समिति ने सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं को राय दी कि पार्टी से संबंधित मुद्दे पार्टी के मंच पर ही रखे जाएं, ताकि उपयुक्त अनुशासन भी रहे और संगठन की गरिमा भी.’’
कांग्रेस कार्य समिति ने कहा, ‘‘सीडब्ल्यूसी सोनिया गांधी को अधिकृत करती है कि वह जरूरी संगठनात्मक बदलाव के लिये कदम उठाएं. सीडब्ल्यूसी एकमत से उनसे यह निवेदन भी करती है कि कोरोना काल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अगले अधिवेशन के बुलाए जाने तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के गरिमामय पद पर रहकर पार्टी का नेतृत्व करें.’’
बैठक की शुरुआत में सोनिया ने की थी पद छोड़ने की पेशकश
इससे पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के साथ ही सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे. इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें.
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया था जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई.