सरकार द्वारा लागू किए गए कई अध्यादेशों के आगामी सत्र में संसद में आने की उम्मीद है. (File Photo)
मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान कोविड-19 (Covid-19) के मद्देनजर सांसदों को अध्यादेशों की कोई कागजी प्रति वितरित नहीं की जाएगी. कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर और संक्रमण के प्रसार को रोकने के क्रम में यह निर्णय लिया गया है.
‘भौतिक रूप से कागजों के प्रबंधन से संक्रमण हो सकता है’
लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘सदस्यों को सूचित किया जाता है कि कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर और संक्रमण के प्रसार को रोकने के क्रम में यह निर्णय लिया गया है कि 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र से अध्यादेशों की कागजी प्रति वितरित नहीं की जाएगी क्योंकि भौतिक रूप से कागजों के प्रबंधन से संक्रमण हो सकता है.’
अभी सत्र की तारीख तय नहीं हुई हैंइसने कहा कि हालांकि, सदस्यों को अध्यादेश की डिजिटल प्रति का वितरण जारी रहेगा. लोकसभा सचिवालय सत्र आयोजन के लिए भौतिक दूरी सुनिश्चित करने सहित आवश्यक प्रबंध कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि अभी सत्र की तारीख तय नहीं हुई हैं, लेकिन इसके सितंबर के दूसरे सप्ताह से पहले आयोजित होने की संभावना नहीं है. नियमों के अनुसार सदन की बैठक 23 सितंबर से पहले होनी चाहिए क्योंकि दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए.
इससे पहले खबर आई थी कि शायद इस बार दोनों सदनों की कार्यवाही एक साथ नहीं चले क्योंकि प्रत्येक सदन द्वारा उचित दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने के लिए दोनों चैंबरों और दीर्घाओं का इस्तेमाल करने की संभावना है. भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी जहां 60 सदस्य चैंबर में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे. इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के चैंबर में बैठेंगे. लोकसभा सचिवालय भी सदस्यों के बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था कर रहा है.
ये भी पढ़ें- CWC मीटिंग: राहुल ने सोनिया गांधी के सहयोग के लिए व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया
31 लाख से ज्यादा हुई संक्रमितों की संख्या
भारत में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 3,106,348 हो चुकी हैं. इनमें 2,338,035 लोग रिकवर भी हो चुके हैं. 710,771 एक्टिव केस हैं. 57,542 लोग महामारी की वजह से जान गंवा चुके हैं. देश में इस वक्त तकरीबन रोज 60 हजार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. इस वक्त भारत दुनिया में कोरोना का एपिसेंटर बन चुका है. कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में सिर्फ ब्राजील और अमेरिका ही भारत से आगे हैं.