चीनी टैंक के बूते भारत से जीतने का ख़्वाब देख रहा है पाकिस्तान
जमीन पर टैंक की लड़ाई में पाकिस्तान भारत के सामने कहीं नही टिक पाएगा. भारत की आर्मर्ड ताक़त ज़बरदस्त है और इसमें भारत लगातार इज़ाफ़ा भी कर रहा है. शायद पाकिस्तान अपनी इसी कमी को पूरा करने के लिए चीन की मदद से पाकिस्तान अल ख़ालिद -1 टैंक बना रहा है.
पहले चरण में कुल 110 टैंक हैवि इंडस्ट्री टैक्सिला (HIT) में बना रहा है.हर साल 22 टैंक बनाने की प्लानिंग
हर साल 22 टैंक बनाने की प्लानिंग है. इसके साथ ही पाकिस्तान चीन से अल ख़ालिद-2 के लिए 1500 HP डीज़ल इंजन भी लेने वाला है इसके बाद पाकिस्तान की टैंक की ताक़त में इज़ाफ़ा ज़रूर हो जाएगा. इतना ही नहीं चीन के एशिया पैसेफिक डिपार्टमेंट के चाईना नॉर्थ इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन ने T-85 टैंकों के आधुनिकीकरण के लिए पाकिस्तान के सामने प्रस्ताव रखा है. कुल 90 टैंकों के आधुनिकीकरण पर बात चल रही है तो वही पाकिस्तान चीन से नए 360 मेन बैटल टैंक VT-4 ख़रीदने की प्रक्रिया में है.. इसके ट्रायल 2015 और 2015 में किए जा चुके है और ये प्रक्रिय अपने अंतिम दौर पर है.
आर्टेलरी गन के सहारे पीओके को बचाने की कोशिश में पाकिस्तान
चीनी आर्टेलरी गन के सहारे पाकिस्तान पीओके बचाने के को आख़िरी कोशिश करने में जुटा है … इसके लिए पाकिस्तान अपने तोप खाने में भी चीन की मदद से इज़ाफ़ा कर रहा है पाकिस्तान चीन से 155/52 कैलिबर माउंटेड गन सिस्टम भी ख़रीदने वाला है .. ये डील अपने अंतिम चरण में है .. पाकिस्तान की फौज ने SH-15 तोपों का इवेल्यूशन कर रहा है इससे पहले चीन ने पाकिस्तान को 36 SH1 दे चुका है जब्कि अन्य 36 तोपों को जल्दी पाकिस्तान खरीद सकता है. पाकिस्तान अपनी आर्टेलरी को इसलिए मज़बूत कर रहा है कि उसे भारत को पहाड़ी इलाको में चुनौती जो देनी है.
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को मज़बूत करने में जुटा चीन
बालाकोट में भारतीय वायुसेना के स्ट्राईक की डर ऐसा सताया कि वो चीन से एंटी एयरक्राफ़्ट गन भी ख़रीदने की फ़िराक़ में है. 12.7 mm की 750 एंटी एयरक्राफ़्ट मशीन गन ख़रीदने जा रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान तीन से इस गन की तकनीक भी लेगा जिसे ट्रांसफ़र ऑफ़ टैक्नॉलेजी कहते है China North Industries Corporation (NORINCO) से ये करार करने वाला है. एयर डिफेंस के लिये साल 2017 में ही चीन एयर डिफेंस के लिए भी चीन 3 ESHORADS FM-90 सिस्टम लिए हैं.
खराब मौसम में मारक क्षमता पर नहीं पड़ता है कोई असर
इस मिसाइल की मारक क्षमता 15 किलोमीटर है और इसका रडार 25 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी मिसाइल, एयरक्राफ़्ट को आसानी से पकड़ सकता है. इसकी एक और खास बात ये बताई जाती है कि मौसम भले ही कितना भी ख़राब क्यो न हो इसकी मारक क्षमता में कोई बदलाव नही होता.. ये 2.3 MACH यानी 750 मील प्रति सैंकेड के स्पीड से किसी भी टार्गेट पर निशान लगा सकता है. ये सिस्टम चीन ने कुछ समय पहले ही तैयार किया था.
पाकिस्तान ने हाल में QW -18 SAM चीन से लिया
इससे पहले पाकिस्तान ने हाल ही में QW -18 SAM यानी जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम लिया है ये सब भारत के हवाई ताक़त के डर से चीन से खरीद रहा है. पाकिस्तान को कुल 1391 QW 18 SAM मिल चुके है इनमें से 100 सिस्टम चीन की पीएलए के पैकेज से बाहर है पाकिस्तान को चीन ने नौ LY -80 LOMADS रडार सिस्टम दिए है जो कि 2019 में ही चीन ने पाकिस्तान को सौंप दिए है. इसके साथ ही दो अलग करार पाक सेना ने किए है जिसमें एयर डिफेंस सिस्टम के साथ IBIS -150 रडार सिस्टम शामिल है. मिडियम टू लॉंग सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम FD-2000 लॉंचर में 4 मिसाइल कंटेनर है जिनके जरिए HQ -9 मिसाइल दाग़ी जाती है. इसकी मारक क्षमता 7 किलोमीटर से 125 किलोमीटर तक है.
पाकिस्तान हर कीमत पर ये हथियार क्यों खरीदना चाहता है
सिस्टम इतना महँगा है जिसे पाकिस्तान चीन से ख़रीदने का मन बना रहा है जो की चीन के पीएलए पैकेज के तहत अगर वो ख़रीदता है तो वो 2035 तक के पीएलए पैकेज के तहत और कोई हथियार या सिस्टम नही खरीद पाएगा. ये बात चीन की तरफ से साफ कर दी गई लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान उसे इस पैकेज के बाहर से खरीद रहा है इससे ये साफ हो रहा है कि पाकिस्तान किस क़दर भारत से डरा हुआ है कि वो हर कीमत में उन हथियारों को खरीद लेना चाहता है जो कि उसके कूबत से भी बाहर है. एयर डिफेंस के लिए चीन पाकिस्तान को मैन पोर्टेबल मिसाइल सिस्टम FN-16 भी देने की पेशकश कर चुका है. जिसमें कुल 1265 FN-16 मिसाइल है जिनमें 2 मिसाइल लाइव फ़ायरिंग ट्रायल के लिए भी शामिल है. इस सिस्टम को MANPADS यानी मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम कहा जाता है.
हेलिकॉप्टर भी अब चीन का ही इस्तेमाल करेगा पाक
पाकिस्तान की सेना को चीन ने 3 Z-10 हैलिकॉप्टर ट्रायल के लिए दिए है जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान फाटा इलाके में काउंटर टेरेरिजम ऑप्रेशन में कर रहा है. यानी एक बात तो ये भा साफ हो गई है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान के ज़ख़ीरे में चीन का ये हैलिकॉप्टर नजर आ सकता है
CPEC के लिए पाक फौज स्पेशल सिक्योरिटी डिविज़न तैयार करेगी
पाकिस्तान तो अपने ऑल वेदर फ़्रेंड यानी की चीन के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट CPEC की सुरक्षा के लिए बाक़ायदा दो स्पेशल सिक्योरिटी डिविज़न बनाने जा रहा है जो की चीन को एक तरह की गारंटी होगी पाकिस्तान की सेना की तरफ से की इस प्रोजेक्ट पर किसी भी तरह की कोई आँच नही आने दी जाएगी.
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इस नई SSD का मक़सद ये है कि गिलगित बालटिस्तान और बलूचिस्तान में जो भी लोग इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे है उनको ख़ामोश किया जा सके और काम को सुचारू रूप से चलाया जा सके. जानकारों की मानें तो 2018 के बाद से CPEC के काम की गति काफी धीमी है. कई इलाकों में तो काम मानों बिलकुल बंद है और भारत चीन की मौजूदा विवाद के चलते भी चीन को इस बात का डर सता रहा है कि कही उसके काम में कोई असुविधा न हो साथ ही ये सेना की डिविज़न सिर्फ और सिर्फ CPEC की सुरक्षा के लिए ही तैनात रहेगी.