कोर्ट ने यह बात दिल्ली दंगे के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कही है. (फाइल फोटो)
अदालत (Delhi Court) ने फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा (Communal Riots) के दौरान खुफिया (आईबी) अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से संबंधित मामले में हुसैन (Tahir Hussain) के खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए यह टिप्पणी की.
- News18Hindi
- Last Updated:
August 21, 2020, 11:25 PM IST
अदालत को हालांकि सूचित किया गया कि पुलिस ने इस मामले में हुसैन और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ अभी तक संबंधित प्राधिकारों से मंजूरी नहीं ली है, जो राजद्रोह के मामले में आवश्यक है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने कहा कि चूंकि मंजूरी प्राप्त करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है और मामले में किसी देरी से वह मकसद पूरा नहीं होगा जिसके लिए दंगा मामलों की सुनवाई की खातिर विशेष अदालतें बनाई गई हैं. ऐसे में अदालत अन्य सभी अपराधों का संज्ञान लेने को उचित समझती है.
‘अपराधों का संज्ञान लेने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है’
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘मेरा विचार है कि आरोपियों द्वारा किए गए अपराधों का संज्ञान लेने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है.’ आदेश में कहा गया है, ‘आईओ (जांच अधिकारी) ने सूचित किया है कि मौजूदा मामले में 22 जून को सक्षम प्राधिकार के पास एक पत्र भेजा गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि मंजूरी प्राप्त करने में कितना समय लगेगा.’अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए सभी आरोपियों को 28 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि दंगे सुनियोजित तरीके से हुए और इसके लिए अच्छी तरह से साजिश रची गई थी तथा भीड़ के नेता ताहिर हुसैन और अन्य सह-आरोपियों द्वारा कथित तौर पर इसे बढ़ावा दिया गया.
अदालत ने क्या कहा
अदालत ने कहा कि आरोपी ताहिर हुसैन ने उन्हें अपनी इमारत की छत पर जाने की सुविधा दी और अन्य सहायता प्रदान की ताकि बड़े पैमाने पर दंगे हो सकें तथा दूसरे समुदाय के जानमाल को नुकसान हो. अदालत ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया आरोपी ताहिर हुसैन अपने घर से और 24 तथा 25 फरवरी को चांद बाग पुलिया के पास मस्जिद से भी भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.’
अदालत ने कहा कि हुसैन ने कथित रूप से अपने समुदाय को उकसाया और यह दावा करते हुए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच धर्म के आधार पर कटुता को बढ़ावा दिया कि हिंदुओं ने कई मुसलमानों को मार डाला है. शर्मा की हत्या से संबंधित मामले में आरोपपत्र 50 पृष्ठों में है और इसमें नौ अन्य लोगों के साथ हुसैन को मुख्य आरोपी में नामित किया गया है. अन्य आरोपियों में अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम, सलमान, नजीम, कासिम, समीर खान शामिल हैं.