केरल सरकार ने केंद्र से फैसला वापस लेने की मांग की (फोटो-ANI)
केरल के सीएम पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में अडानी एंटरप्राइजेज को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के संचालन और पर्यवेक्षण को सौंपने के लिए केंद्र सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की.
- News18Hindi
- Last Updated:
August 20, 2020, 11:27 PM IST
वहीं, इस मुद्दे पर नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी और केरल सरकार के आरोपों का जवाब दिया. पुरी ने कहा कि इस बोली प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया गया. पुरी ने ट्विटर पर कहा, ‘पट्टा हासिल करने वाली बोली में प्रति यात्री 168 रुपये शुल्क का जिक्र था जबकि केएसआईडीसी (केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम) ने प्रति यात्री 135 रुपये और बोली लगाने वाली तीसरी कंपनी ने 63 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई थी.’
An all-party meeting convened by CM Pinarayi Vijayan today, has demanded to withdraw the union cabinet decision to hand over the operations & supervision of Thiruvananthapuram airport to Adani Enterprises: Kerala CMO pic.twitter.com/q05oQGBJsA
— ANI (@ANI) August 20, 2020
इन एयरपोर्ट की लगाई गई बोली केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रति यात्री शुल्क 2019 की शुरुआत में हुई छह हवाईअड्डों की बोली प्रक्रिया का पैमाना था. यह छह हवाईअड्डे- लखनऊ, अहमदाबाद, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम थे. अडानी एंटरप्राइजेज ने इन छह हवाईअड्डों के लिये सबसे ज्यादा बोली लगाई थी. पुरी ने कहा कि बोली प्रक्रिया से पहले केंद्र और केरल सरकार में यह सहमति बनी थी कि अगर केएसआईडीसी की बोली जीतने वाली बोली के 10 प्रतिशत के दायरे में रहती है तो हवाईअड्डे का पट्टा उसे दिया जाएगा.
अडानी और KSIDC की बोली में 19.64% का अंतर
हालांकि अडानी की बोली और केएसआईडीसी की बोली में बोली प्रक्रिया के दौरान 19.64 प्रतिशत का अंतर था इसलिये अडानी को पट्टा हासिल हुआ. पुरी ने कहा, ‘इसलिये केरल सरकार को आरओएफआर (पहले खारिज करने का अधिकार) का विशेष प्रावधान दिए जाने के बावजूद वे पारदर्शी तरीके से हुई बोली प्रक्रिया के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर सके.’
‘केरल के प्रस्ताव को PMO ने तोड़ा’
केरल सरकार ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन और संचालन का काम अडानी समूह को सौंपने के केंद्र के फैसले का विरोध करने और उस पर चर्चा करने के लिए बृहस्पतिवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई. राज्य के वित्त मंत्री डॉ. थॉमस इसाक ने ट्वीट किया, ‘अडानी की बोली के बराबर बोली के प्रस्ताव के बावजूद केरल सरकार के दावे को खारिज कर तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को अडानी के हाथों दे दिया गया. केरल के प्रस्ताव को स्वीकार करने के पीएमओ के वादे को तोड़ा गया. केरल के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’