इन बातों पर चर्चा हुई
इस पैनल की बैठक में यह भी चर्चा किया गया कि इन कंपनियों को वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया तेज करने के लिए क्या सरकार की मदद चाहिए. हालांकि, संभावी वैक्सीन की सुरक्षा और क्लिनिकल ट्रायल में प्रभावी होने के बाद ही सरकार मदद कर सकेगी. इसके पहले एक्सपर्ट ग्रुप ने इनवेन्टरी मैनेजमेंट और डिलीवरी मैकेनिज्म के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट संबंधित विषयों पर भी चर्चा की है. कोविड-19 वैक्सीन के प्रोक्योरमेंट रणनीति के बारे में भी चर्चा हुई.
बैठक में शामिल हुए ये एक्सपर्ट्सकेंद्र सरकार द्वारा गठित इस एक्सपर्ट कमेटी में नीति आयोग के हेल्थ सदस्य डॉ वी के पॉल, AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया और विदेश मंत्रालय, बायोटेक्नोलॉजी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, इंडियन एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च व राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीते शनिवार को कहा था, ‘जब हमें वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिल जाएगी, तब हम बड़े स्तर पर इसका निर्माण करेंगे. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.’ पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में कहा, ‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि हमारे वैज्ञानिकों का टैलेंट ऋषि मुनि की तरह है और वो लैबोरेटरीज में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.’
कोरोना वैक्सीन में भारत की अहम भूमिका
नोबेल पुरस्कार विजेता पीटर चार्ल्स दोहर्ती (Peter Charles Doharty) ने कहा है कि भारत के पास बेहद किफायती दाम में दवा मैन्युफैक्चरिंग करने का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है और यह कोरोना वायरस में एक अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि भारत का ट्रैक रिकॉर्ड इस मामले में शानदार रहा है और हमें उम्मीद है कि यह अहम भूमिका निभायेगा. वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का यह सबसे तेज तरीका है.
जल्द शुरू होगा Covaxin के दूसरे चरण का ट्रायल
भारत के सबसे पहले कोविड-19 वैक्सीन Covaxin को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर डेवलप किया है. हैदाराबाद की इस वैक्सीन कंपनी ने पहले चरण का ह्यूमन ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. बहुत जल्द ही इसके दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी.
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Zydus Cadila ने भी ZyCoV-D नाम से एक वैक्सीन डेवलप किया है, जिसके दूसरे चरण का ट्रायल 6 अगस्त से शुरू हो चुका है. पहले चरण में इस वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया है. कंपनी के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने कहा पहले चरण में डोज़ देने के बाद सभी सब्जेक्ट्स को क्लिनिकल फार्माकोलॉजिक यूनिट (Clinical Pharamcological Unit) में 24 घंटे तक गहनता से मॉनिटर किया गया. इसके बाद अगले 7 दिनों तक इसे मॉनिटर किया गया है. इस प्रक्रिया में वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया.