भारत मां की रक्षा के लिए गलवान घाटी में शहीद हुए जवान.
Independence Day 2020: इस बार कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के चलते 15 अगस्त के कार्यक्रमों में पहले जैसी रौनक नहीं रहेगी. लेकिन हम उन जवानों का बलिदान कैसे भूल पाएंगे जिन्होंने भारत माता की रक्षा और देश के आन, बान और शान के लिए मौत का हंसते हंसते गले लगा लिया.
- News18Hindi
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August 15, 2020, 12:08 AM IST
इस साल 15 जून को भी ऐसी ही एक घटना हुई थी. जब भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर जंग लड़ रही थी. तभी पड़ोसी देश चीन ने अपने विस्तारवादी रवैये के तहत पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में घुसने की कोशिश की. तब जवानों ने चीनी सैनिकों को भारतीय सीमा में घुसने से रोका. इस दौरान बात बढ़ने से दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई. इस हिंसा झड़प में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना में चीनी पक्ष को भी भारी नुकसान हुआ था.
आईटीबीपी ने कहा- जवान चीनियों के साथ हालिया झड़प के दौरान पूरी रात लड़े
आईटीबीपी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में हाल ही में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष के दौरान बल के जवान ‘पूरी रात लड़े’ और उन्होंने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने कहा कि इन झड़पों में बहादुरी दिखाने के लिए बल के 294 जवानों को महानिदेशक (डीजी) प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है. आईटीबीपी ने दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध के बारे में पहली बार आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया कि ‘किस तरह जवानों ने न केवल प्रभावी तरीके से अपनी रक्षा की बल्कि आगे बढ़ रहे पीएलए के जवानों को करारा जवाब दिया और स्थिति को नियंत्रित किया.’आईटीबीपी ने कहा कि उसके जवान इलाके में ‘पूरी रात लड़े’ और उनके कम जवान हताहत हुए, वहीं पीएलए के पथराव करने वाले जवानों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया. उसने कहा, ‘कई स्थानों पर वे (आईटीबीपी) चीनी सैनिकों के खिलाफ 17 से 20 घंटे तक लगातार डटे रहे.’ आईटीबीपी ने कहा, ‘ऊंचे स्थानों पर प्रशिक्षण और हिमालय में अनुभव के कारण आईटीबीपी के जवान पीएलए के जवानों पर भारी पड़े और लगभग सभी मोर्चों पर आईटीबीपी जवानों के करारे जवाब के कारण अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग सभी मोर्चे सुरक्षित हैं.’
आईटीबीपी ने बताया कि इस इलाके में एक कमांडेंट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में तैनात 21 जवानों को वीरता पदक से सम्मानित करने की अनुशंसा सरकार से की गई है. बल ने कहा, ‘साथ ही स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आईटीबीपी के प्रमुख एस एस देसवाल ने 294 जवानों को महानिदेशक प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया.’ उसने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने उच्चस्तरीय पेशेवर कौशल दिखाया और कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के बाद वे भारतीय सेना के घायल जवानों को वापस लाए.
पूर्वी लद्दाख में 20 जवान हो गए थे शहीद
पूर्वी लद्दाख में 15-16 जून की दरम्यानी रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने भी स्वीकार किया कि उसके सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन उसने कभी मारे गए या घायल हुए सैनिकों की संख्या नहीं बताई. अधिकारियों के अनुसार जवानों ने संघर्ष के बाद जमाने वाली सर्दी में गल्वान नदी से भारतीय जवानों की पार्थिव देह और घायल जवानों को निकाला. आईटीबीपी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सल रोधी अभियान में साहस का परिचय देने के लिए छह कर्मियों को भी महानिदेशक प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है.
कोरोना वायरस से खिलाफ लड़ाई में सेवाओं के लिए आईटीबीपी एवं अन्य अर्द्धसैनिक बलों के 358 जवानों को गृह मंत्री के विशेष अभियान पदक से सम्मानित करने की भी अनुशंसा की गई है. आईटीबीपी दिल्ली के छतरपुर में राधा स्वामी व्यास के परिसर में देश का सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल भी संचालित कर रहा है जिसमें 10 हजार बिस्तर हैं.