स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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ध्वजारोहण के बाद गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद कई चुनौतियां आईं लेकिन देश इन चुनौतियों का मुकाबला करते हुए आगे बढ़ता रहा क्योंकि हमारे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि ‘‘महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर और मौलाना आजाद जैसे महान नेताओं ने इस लोकतंत्र को मजबूत बनाया है। सरकारें आती रही जाती रहीं, लेकिन देश में लोकतंत्र कायम रहा। इस लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है, क्योंकि लोकतंत्र बचेगा तभी देश बचेगा।’’
गहलोत ने कहा कि ‘‘इस मुल्क में विभिन्न धर्मों, संप्रदायों और जातियों के लोग रहते हैं। विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। इतनी विविधता के बावजूद हमारे नेताओं ने सर्वधर्म समभाव, समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के साथ इस देश को एकजुट एवं अखंड रखा। इन सिद्धांतों पर चलते हुए हमें धर्म एवं जाति के नाम पर नफरत फैलाने वाली ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा, ताकि देश में अमन-चैन बना रहे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि “देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों तथा जांबाज सैनिकों को याद किया और कहा कि उनके त्याग और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।”
इस अवसर पर सेना एवं सेंट्रल पुलिस बैंड की ओर से बैंडवादन व लोक कलाकारों ने लोकगीतों और नृत्य के साथ ही देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। गहलोत ने शहर की बड़ी चौपड़ पर भी ध्वजारोहण किया और उपस्थित जनसमुदाय को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि ‘‘इस पावन अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम आपसी सद्भाव बनाए रखेंगे तथा मुल्क को तोड़ने वाली ताकतों के बहकावे में नहीं आएंगे। गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’