गूगल ने कहा है कि वह एंड्रॉयड डिवाइसेज में भूकंप के अलर्ट्स भेजने के लिए U.S. जियोलॉजिकल सर्वे के साथ मिलकर काम करना शुरू कर रहा है. बताया गया कि कैलिफोर्निया में एंड्रॉयड की ओर से फोन्स के लिए अलर्ट ShakeAlert अर्थक्वेक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के ज़रिए भेजे जाएंगे.
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मार्क स्टोगाटाइटिस के प्रमुख सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने एक ब्लॉग में कहा, ‘हमने भूपंक संबंधी जानकारी की खोज के समय एंड्रॉयड स्मार्टफोन को इस्तेमाल करने का मौका तलाशा है. ज़रूरत पड़ने पर यूज़र इससे अपने करीबियों को कुछ सेकंड में चेतावनी भी दे सकते हैं.’गूगल ने कहा कि ज़्यादातर स्मार्टफोन्स छोटे एक्सीलेरोमीटर के साथ आते हैं जो भूकंप को सेंस कर सकते हैं. साथ ही कंपनी ने ये भी बताया गया कि ये P-वेव डिटेक्ट करने में भी सक्षम हैं. जोकि भूकंप शुरू होने के बाद सबसे पहले वेव होते हैं और ये बाद में आने वाले S-वेव की तुलना में काफी कम डैमेजिंग होते हैं.
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कैसे काम करेगा अलर्ट फीचर?
>>अगर फोन किसी ऐसी चीज को डिटेक्ट करता है, जिसे भूकंप समझा जाए तो ये फौरन गूगल के अर्थक्वेक डिटेक्शन सर्वर को एक सिग्नल देगा.
>>इसके अलावा जहां भूकंप जैसे लक्षण नज़र आए हैं वहां कि लोकेशन भी भेजेगा.
>>इसके बाद सर्वर बाकी फोन्स से मिली जानकारियों को कंबाइन कर ये समझने की कोशिश करेगा कि क्या वाकई भूकंप आ रहा है.
गूगल ने कहा है कि अगर आपको ऐसा लगे कि आपके आसपास भूकंप आया है. तो आप अब से गूगल सर्च बार में ‘Earthquake’ या ‘Earthquake near me’ के सर्च रिजल्ट देख पाएंगे.
प्ले स्टोर पर कई ऐप्स मौजूद
गूगल के प्ले स्टोर पर भी ऐसे कई ऐप्स मौजूद हैं, जो भूकंप का अलर्ट देती हैं. इनमें अर्थक्वेक नेटवर्क, अर्थक्लिक अलर्ट, माय अर्थक्वेक अलर्ट, अर्थक्वेक अलार्म जैसी ऐप्श शामिल हैं. ये ऐप्स फोन में मौजूद एक्सेलेरोमीटर की मदद से कंपन को रिकॉर्ड करते हैं और भूकंप की प्रकृति का कंपन होने पर आपको नोटिफिकेशन देती हैं.