ऊना में आर्मी जवानों ने सोशल मीडिया पर डाला वीडियो.
डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि कोविड केयर केंद्र में उपचाराधीन सैनिकों को संयम रखना चाहिए. वह धैर्य न खोएं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण उनके परिजनों में न फैले इसी के चलते उन्हें सेंटर में रखा गया है.
क्या बोले फौजी
उन्होंने कहा कि करीब 9 माह के बाद अपनी परिवारों से मिलने के लिए सेना से एक माह की छुट्टी लेकर आए थे, लेकिन इनमें से कईयों की पूरी छुट्टी पहले क्वारंटीन केंद्रों और फिर कोविड केयर सेंटर्स में ही बीत गई है. कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके कई सैंपल फॉलोअप के तौर पर भेजे गए थे, जिसमें वो पॉजिटिव पाए गए हैं. अब ना ही उन्हें इसकी पूरी रिपोर्ट सौंपी जा रही है और ना ही स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर्स या अन्य कोई अधिकारी उनसे मिलने आते हैं.
कैप्सूल और कुछ अन्य दवाएं दे कर काम चलाया जा रहा फौजियों का यहां तक कहना है कि कोरोनावायरस के उपचार के लिए उन्हें कोई दवाई नहीं दी जा रही है. उन्हें मात्र बी कॉम्प्लेक्स के कैप्सूल और कुछ अन्य दवाएं दे कर काम चलाया जा रहा है. मात्र उनका टेंपरेचर जानने के अलावा कोई भी चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी उनके पास नहीं आता है। इतना ही नहीं कोविड केयर सेंटर के नोडल अधिकारी और यहां तैनात पुलिस कर्मी भी उनके साथ सही व्यवहार नहीं करते हैं, जबकि कोविड केयर सेंटर में सफाई व्यव्यस्था बदहाल भी हो चुकी है.
छुट्टी के लिए चाहिए होती है रिपोर्ट
वायरल वीडियो के माध्यम से उन्होंने बताया कि उन्हें अपने सेना मुख्यालय में पॉजिटिव की रिपोर्ट भेजकर अपनी छुट्टी बढ़ानी है लेकिन विभाग द्वारा रिपोर्ट ही नहीं दी जा रही है.
क्या बोले डीसी ऊना
डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि कोविड केयर केंद्र में उपचाराधीन सैनिकों को संयम रखना चाहिए. वह धैर्य न खोएं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण उनके परिजनों में न फैले इसी के चलते उन्हें सेंटर में रखा गया है. सेंटर में तैनात सफाई कर्मचारी जितना हो सके अपना योगदान दे रहे हैं. वे पीपीई किटें पहनकर सफाई करते हैं. जबकि उपचाराधीन लोगों को भी सहयोग करना चाहिए, ताकि व्यवस्थाओं को बनाए रखा जा सके. वहीं संक्रमित व्यक्ति भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संक्रमण से मुक्त हों, ताकि उन्हें जल्द घर भेजा जा सके.