सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट (contempt of court act) के कुछ प्रावधान रद्द करने की मांग को लेकर सुनवाई हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शनिवार सुबह में लगाई गई कॉज लिस्ट के मुताबिक याचिका पर दस अगस्त को न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई होनी है.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शनिवार सुबह में लगाई गई कॉज लिस्ट के मुताबिक याचिका पर दस अगस्त को न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई होनी है. उच्चतम न्यायालय के सूत्रों ने बताया कि याचिका को स्थापित परंपरा के मुताबिक इस तरह के मामलों पर सुनवाई करने वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था.
एक विश्वस्त सूत्र ने बताया, ‘‘परंपरा और प्रक्रिया के मुताबिक इस मामले को ऐसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था जो इस तरह के मामलों की पहले से सुनवाई कर रही हो, लेकिन इसे परंपरा और प्रक्रिया की अनदेखी कर सूचीबद्ध किया गया है. इस बारे में संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है.’’ बहरहाल, कुछ समय बाद मामले को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट की काउज लिस्ट से हटा दिया गया.
राम, शौरी और भूषण ने अपनी याचिका में ‘अदालत की निंदा’ के लिए आपराधिक अवमानना से जुड़े एक कानूनी प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है और कहा है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समानता के अधिकार का उल्लंघन है.