सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो)
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान मुंबई स्थित कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन दुबे की जनहित याचिका खारिज कर दी.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान मुंबई स्थित कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन दुबे की जनहित याचिका खारिज कर दी. पीठ ने याचिका खारिज करते हुये अपने आदेश में कहा, ‘‘मृतक के पिता इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसी कोई वजह नहीं है कि वह इसे ठीक से आगे नहीं बढ़ायेंगे. इस मामले में आप एक अंजान व्यक्ति हैं और आप अनावश्यक ही इसमें आ रहे हैं. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.’’ पीठ ने कहा, ‘‘हमारा समय मत बर्बाद कीजिए.’’
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि पटना में दर्ज मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है. मेहता ने कहा कि एक मामला मुंबई में दर्ज है और दूसरा पटना में. बिहार सरकार ने इसकी सीबीआई जांच का अनुरोध किया था और हमने इसे सहमति दे दी.’’
उन्होंने कहा कि मुंबई का मामला सीबीआई को नहीं सौंपा गया है. जनहित याचिका दायर करने वाले कानून के छात्र दुबे ने सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की जांच सीबीआई या एनआईए को सौंपने का अनुरोध किया था ताकि इस मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से जांच सुनिश्चित की जा सके. इससे पहले भी न्यायालय ने 30 जुलाई को इस तरह की एक अन्य याचिका भी खारिज कर दी थी और याचिकाकर्ता से कहा था,‘‘अगर आपके पास दिखाने के लिये कुछ ठोस है तो आप बंबई उच्च न्यायालय जायें.’’