गोयल ने कहा, ‘आप इंटर्नल ग्रुप्स या ईमेल पर स्वच्छंदता से लोगों को बता सकती हैं कि आपने पीरियड लीव के लिए अप्लाई किया है.’ गोयल ने पुरुष कर्मचारियों के लिए इस ईमेल में एक विशेष नोट के तौर पर लिखा, ‘अगर हमारी महिला सहकर्मी हमें बताती हैं कि उनका पीरियड है तो इससे हमें कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए. यह जीवन का एक हिस्सा है. हम पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं कि इस दौरान महिलाओं को किस तरह के दर्द से गुजरना पड़ता है, लेकिन अगर वो कहती हैं कि उन्हें आराम की जरूरत है तो हमें यह समझना होगा. कई महिलाओं के लिए यह अत्यधिक पीड़ादायक होता है और हमें उन्हें सपोर्ट करना होगा. अगर हमें सही मायने में अपने यहां सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देना है तो इसका ख्याल रखना होगा.’
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याद दिला दें कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दशकों पुराने प्रतिबंध को खत्म करते हुए महिलाओं को पीरियड के दौरान भी केरल के सबरीमला मंदिर में जाने का फैसला सुनाया था. उस दौरान राष्ट्रव्यापी स्तर पर महिलाओं के हक पर चर्चा हुई थी.>> सीईओ ने लिखा, ‘जोमैटो में हम भरोसा, सत्य और स्वीकृति की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं. आज से इसकी शुरुआत करते हुए हम आपको बताना चाहते हैं कि महिला कर्मचारियों को हर साल 10 पीरियड लीव दिया जाएगा.’
>> 10 दिन ही क्यों? अधिकतर महिलाओं को एक साल में करीब 14 मेंस्ट्रुअल साइकिल से गुजरना पड़ता है. इसमें वीकेंड की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 10 दिन की छुट्टी का लाभ दिया जाएगा.
>> एक मेंस्ट्रुअल साइकिल में 1 दिन की छुट्टी ली जा सकती है.
>> जोमैटो समझता है कि पुरुषों और महिलाओं का जन्म अलग-अलग बायोलॉजिकल रिएलिटी के साथ होता है. ऐसे में हमारी समझ होनी चाहिए कि अपने काम की क्वॉलिटी को बिना बाधित किए ही बायोलॉजिक जरूरतों को पूरा करें.
>> पीरियड लीव के लिए अप्लाई करते समय किसी भी तरह के शर्म या स्टिग्मा का एहसास नहीं होना चाहिए. आप इंटर्नल ग्रुप्स या ईमेल पर स्वच्छंदता से लोगों को बता सकती हैं कि आपने पीरियड लीव के लिए अप्लाई किया है.
>> गोयल ने मेल में यह भी लिखा कि अगर कोई कर्मचारी अपने महिला सहकर्मी को प्रताड़ित करता है तो वो तुरंत इस बारे में संबंधित विभाग को जानकारी दें. इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
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साथ में उन्होंने यह भी बताया कि इस सिस्टम को लागू करने का मकसद एक इनक्लुसिव वर्क कल्चर को बढ़ावा देना है. ऐसे में महिला कर्मचारियों को भी समझना होगा कि अगर उन्हें छुट्टी की जरूरत पड़ती है, तभी वो इसके लिए अप्लाई करें. इसका गलत फायदा उठाकर किसी जरूरी काम को न टालें. खुद का ख्याल रखें. फिटनेस और खान-पान का असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.