आईपीएल की एसओपी जारी, कोरोना से बचने के लिए बनाए गए कड़े नियम
19 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहे आईपीएल 2020 (IPL 2020) में खेलने के लिए बीसीसीआई ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में कई नियम और शर्तें रखी हैं.
2 कोविड-19 पीसीआर टेस्ट कराने जरूरी
बीसीसीआई की एसओपी (BCCI SOP) के मुताबिक, ‘फ्रेंचाइजी की पसंद के शहर में एकत्रित होने से पहले सभी भारतीय खिलाड़ियों और टीम सहयोगी स्टाफ के लिए एक हफ्ते में 24 घंटे के भीतर दो कोविड-19 पीसीआर परीक्षण कराना जरूरी होगा.’ इसमें कहा गया, ‘इससे यूएई के लिए रवाना होने से पहले समूह के भीतर संक्रमण का खतरा कम करने में मदद मिलेगी.’ एसओपी दस्तावेज के अनुसार, ‘जैविक रूप से सुरक्षित माहौल से जुड़े नियमों के खिलाड़ी या टीम सहयोगी स्टाफ की ओर से किसी भी तरह के उल्लंघन पर आईपीएल आचार संहिता के नियमों के मुताबिक सजा दी जाएगी.’
कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो क्या होगा?बीसीसीआई के एसओपी के मुताबिक जो भी व्यक्ति कोरोना वायरस (Covid-19) पॉजिटिव पाया जाएगा उसे पृथकवास आइसोलेशन से गुजरना होगा और 14 दिन के बाद उस व्यक्ति को 24 घंटे के अंतर पर दो कोविड-19 टेस्ट कराने होंगे. अगर दोनों परीक्षण के नतीजे नेगेटिव आते हैं तो उस व्यक्ति को यूएई से जाने की इजाजत होगी. ये नियम सभी विदेशी खिलाड़ियों और टीम सहयोगी स्टाफ पर भी लागू होंगे. यूएई पहुंचने के बाद पहले, तीसरे और छठे दिन परीक्षण होंगे और फिर टूर्नामेंट के दौरान हर पांचवें दिन परीक्षण किया .
एसओपी के अनुसार, ‘फ्रेंचाइजी टीमों को अलग अलग होटल में रखा जाएगा. टीम के सदस्यों को ऐसे कमरे दिए जाएंगे जिसमें बाकी होटल से अलग सेंट्रल एयरकंडीशन की व्यवस्था होगी.’ इसमें कहा गया, ‘तीसरा नेगेटिव नतीजा आने के बाद टीम सदस्यों को जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण के बीच एक दूसरे से मिलने की इजाजत होगी. हालांकि हर समय चेहरे पर मास्क लगाना होगा और सामाजिक दूरी से जुड़े नियमों का पालन करना होगा.’ एसओपी के अनुसार लोगों को अपने कमरे में खाना मंगाना होगा और टीमों को खाने के सामूहिक स्थान के इस्तेमाल से बचना होगा.
खाली स्टैंड बनेंगे ड्रेसिंग रूम
आईपीएल (IPL 2020) के दौरान खाली स्टैंडों का इस्तेमाल ड्रेसिंग रूम के रूप में करने की सिफारिश की गई जबकि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए टीम बैठक का आयोजन आउटडोर में किया जा सकता है. यूएई में 19 सितंबर से होने वाले आईपीएल के दौरान कोई टॉस शुभंकर नहीं होगा जिससे बीसीसीआई को प्रायोजन राशि का नुकसान होगा. खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के सदस्यों का परिवार उनके साथ जा सकता है लेकिन उन्हें टीम बस में यात्रा करने और जैविक रूप से सुरक्षित माहौल से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा टीमों को प्लेइंग इलेवन की जानकारी कागज पर देने की जगह इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देने को कहा जाएगा.