विद्या बालन.
एक्ट्रेस विद्या बालन (Vidya Balan) के डेढ़ दशक लंबे सफर में उतार-चढ़ाव भी आए हैं, लेकिन बालन ने अपना रास्ता खुद बनाया और हिन्दी सिनेमा में ‘द डर्टी पिक्चर’ और ‘कहानी’ के माध्यम से महिलाओं के ‘हीरो’ बनने का ट्रेंड शुरू किया.
जूम पर साक्षात्कार में बालन ने बताया कि, ‘यह (सफर) बहुत संतोषजनक रहा है. मुझे बहुत खुशी है कि मैं अपना इकलौता सपना जी रही हूं…. एक्ट्रेस होने का. जब ‘परिणीता’ शुरू हुई तो मैंने सोचा अगर मैं सिर्फ एक यही फिल्म करने वाली हूं, तो मैं इस फिल्म को अपना सब कुछ देने वाली हूं. और मेरा रुख हमेशा ऐसा ही रहा है. देखो मैं यहां तक आ गई.’
बालन ने 1995 में ‘हम पांच’ से अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने पांच बहनों में से एक राधिका का किरदार निभाया था. फिल्मों में उन्होंने 2003 में बांग्ला फिल्म ‘भालो थेको’ के साथ अपने करियर की शुरुआत की. फिल्म में सौमित्र चटर्जी, परमव्रत चटर्जी, जॉय सेनगुप्ता और देवशंकर हालदार भी मुख्य भूमिकाओं में थे.
‘मैं आशा करती हूं कि मेरा पूरा जीवन यहीं गुजरेगा’एक्ट्रेस ने कहा कि, ‘हां, कुछ उतार चढ़ाव आए, कुछ चुनौतियां आयीं, कुछ सीख मिली. कभी-कभी लगता था कि मैं अपने करियर के सबसे निचले पायदान पर आ गई हूं, तो कभी लगता है शीर्ष पर हूं. यही इसकी सुन्दरता है और मैं आशा करती हूं कि मेरा पूरा जीवन यहीं गुजरेगा.’ बालन ने अपने करियर में अलग-अलग महिलाओं के किरदार निभाए हैं, लेकिन सिल्क स्मिता के जीवन की कुछ घटनाओं पर बनी फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ के अलावा उन्होंने अभी तक कोई ‘बायोपिक’ नहीं की थी.
41 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है कि उन्होंने बायोपिक के लिए हमेशा इसलिए मना किया क्योंकि ‘शकुंतला देवी’ के पहले अच्छी कहानी नहीं मिली थी. लेकिन बालन की 31 जुलाई को रिलीज हुई फिल्म ‘शकुंतला देवी’ भारत की ह्ययूमन कंप्यूटर और उनकी बेटी अनुपमा बनर्जी के जीवन पर आधारित है. फिल्म फिलहाल आमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हो रही है.