बीसीसीआई के खिलाफ व्यापारियों ने खोला मोर्चा
चीन से चल रही तल्खियों के बीच बीसीसीआई (BCCI) ने चीनी कंपनी वीवो को बतौर प्रायोजक बरकरार रखने का फैसला किया है.
व्यापारियों ने की बीसीसीआई की शिकायत
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने अमित शाह और जयशंकर को खत लिखा, ‘भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के हालिया फैसले के बारे में हम आपको अवगत कराना चाहते हैं. बीसीसीआई ने चीनी कंपनी वीवो को दुबई में आयोजित होने वाले आईपीएल के प्रायोजक के तौर पर बरकरार रखा है.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘ऐसे समय में जब चीन भारत की सीमाओं पर हमारे देश की भावनाओं से खेल रहा है और पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आत्म निर्भर भारत का पालन कर रहा है. ऐसे वक्त पर बीसीसीआई का ये फैसला सरकार की व्यापक नीति के खिलाफ है.’
बता दें बीसीसीआई के वीवो (VIVO) को बतौर प्रायोजक बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ सोमवार को स्वदेशी जागरण मंच ने भी आवाज उठाई है. संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, ‘आईपीएल एक बिजनेस है और जो इसे चला रहे हैं उन्हें देश की भावनाओं का ख्याल नहीं है. सारी दुनिया चीन का बहिष्कार कर रही है और आईपीएल उन भावनाओं को आहत कर रहा है. उनको ये बात समझनी चाहिए कि देश से ऊपर कोई नहीं है, क्रिकेट भी नहीं.’BCCI ने धोनी की टीम को दिया बड़ा झटका, 20 अगस्त से पहले यूएई नहीं जा सकेंगे
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बीसीसीआई को वीवो से मिलते हैं 440 करोड़ रुपये
बता दें बीसीसीआई (BCCI) और वीवो का करार साल 2022 तक है. अगर बीसीसीआई वीवो से अपना रिश्ता तोड़ता है तो उसे काफी नुकसान हो सकता है. हाल ही में बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा था कि आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नामेंटों के चीनी कंपनियों द्वारा प्रायोजन से देश को ही फायदा हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में खत्म होगा. बता दें आईपीएल का आगाज 19 सितंबर से यूएई में होगा. फाइनल 10 नवंबर को खेला जाएगा.