अधिकारियों ने बताया कि चार अगस्त को औपचारिक कार्यक्रम में सीआईएसएफ लेह हवाई अड्डे की सुरक्षा संभालेगा. (सांकेतिक तस्वीर)
Ladakh: 100 सीआईएसएफ (CISF) कर्मियों का दल सामरिक रूप से महत्वपूर्ण लेह हवाई अड्डे (Leh Airport) की चौबीसों घंटे सशस्त्र सुरक्षा में तैनात होगा. यह हवाई अड्डा समुद्र तल से करीब 3256 मीटर की ऊंचाई पर है.
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को लद्दाख (Ladakh) केंद्रशासित प्रदेश बना था. अधिकारियों ने बताया कि चार अगस्त को औपचारिक कार्यक्रम में सीआईएसएफ लेह हवाई अड्डे की सुरक्षा संभालेगा. सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन और एएआई तथा लद्दाख केंद्रशासित क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
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इसलिए सीआईएसएफ को दिया गया सुरक्षा का जिम्माबल के पास हवाई अड्डों के लिए आतंकवाद-रोधी सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक विशेष विमानन सुरक्षा समूह (ASG) है और उसने क्रमशः फरवरी और मार्च में श्रीनगर और जम्मू (जम्मू-कश्मीर) में ऐसी यात्री सुविधाओं को संभाला है. एयर इंडिया, विस्तारा, गोएयर और स्पाइसजेट लेह और दिल्ली के बीच वाणिज्यिक यात्री उड़ानें संचालित करती हैं.
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हवाई अड्डे पर एक नया यात्री टर्मिनल 480 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है और अगले साल सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को जनवरी में तीन हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादियों को चंडीगढ़ ले जाते हुए श्रीनगर से गिरफ्तार किए जाने के बाद तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और संवेदनशील हवाई अड्डों श्रीनगर, जम्मू और लेह की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंपा गया था.
अन्य हवाई अड्डों पर भी हो सकती है सीआईएसएफ की तैनाती
लेह हवाई अड्डे पर सीआईएसएफ की टुकड़ी सुविधा के लिए 24 घंटे सातों दिन सशस्त्र कवर प्रदान करेगी और टर्मिनलों के फाटकों पर और एक उड़ान में सवार होने से पहले यात्रियों से व्यापक सुरक्षा जांच और बॉडी फ्रिस्किंग करेगी. सैनिकों को एके सीरीज और इंसास जैसी असॉल्ट राइफलों से लैस किया जाएगा, और मैन्टेज पोजिशन पर बनाए गए वॉच टॉवरों से एयरपोर्ट परिधि को घेरा जाएगा.
केंद्र सरकार ने कहा है कि CISF एकमात्र नागरिक हवाई अड्डा रक्षक बल होगा और देश में ऐसी सभी सुविधाओं को धीरे-धीरे विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद विरोधी और अपहरण विरोधी प्रोटोकॉल को कड़ा करने के लिए इसकी कमान में लाया जाएगा.