भारत चीनी सेना को हटाए जाने को लेकर अडिग है (सांकेतिक फोटो, ANI)
सूत्रों ने बताया, “सीएसजी (CSG) की बैठक के दौरान, 28 जुलाई के आसपास पूर्वी लद्दाख सेक्टर (Eastern Ladakh Sector) की स्थिति पर चर्चा की गई. भारत अब इस बात पर अडिग है कि वह सबसे पहले फिंगर एरिया सहित सभी तनातनी के बिंदुओं (friction points) से चीनियों को पूरी तरह से पीछे हटाने की कोशिश करेगा.”
सूत्रों ने कहा, “सीएसजी (CSG) की बैठक के दौरान, 28 जुलाई के आसपास पूर्वी लद्दाख सेक्टर (Eastern Ladakh Sector) की स्थिति पर चर्चा की गई. भारत अब इस बात पर अडिग है कि वह सबसे पहले फिंगर एरिया सहित सभी तनातनी के बिंदुओं (friction points) से चीनियों को पूरी तरह से पीछे हटाने की कोशिश करेगा.” सैन्य वार्ता (Military talks) में, भारत विघटन के लिए नहीं कह रहा है क्योंकि भारत ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में, जहां वे चीनी पक्ष का सामना कर रहे हैं, करीब 40,000 सैनिकों (Soldiers) को तैनात किया है.
भारत ने भी चीन की तुलना में सैनिकों की तैनाती की
पीएलए ने पूर्वी लद्दाख के विपरीत अपनी ओर भारतीय क्षेत्र के करीब 40,000 सैनिकों को बड़ी जुटान कर ली है. CSG सरकार के सबसे शीर्ष निकायों में से एक है जो चीनी के साथ बातचीत के दौरान उठाए जाने वाले सैन्य और राजनयिकों कदमों को दिशा-निर्देश प्रदान करता है और चीनी पक्ष की ओर से उठाए गए बिंदुओं और मांगों पर एक स्टैंड भी लेता है.सूत्रों ने कहा, भारतीय सीमा पर चीन की ओर से बड़े पैमाने पर सेना की तैनाती के बाद, भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के आसपास से बख्तरबंद सैनिकों के साथ ही दो स्थानों से अपने पहाड़ी डिवीजनों को भी स्थानांतरित कर दिया है.
चीन ने शुरुआत में शुरू की विघटन की प्रक्रिया, 2-3 दिन बाद कर दी बंद
अपनी तैनातियों को, चीनी तैनाती से मेल कराते हुए, भारत अब जल्दबाज़ी में नहीं है और चाहता है कि चीनी 14 जुलाई को आयोजित हुई कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के दौरान किए गए अपने प्रतिबद्धताओं का सम्मान करें और अपने स्थायी स्थानों पर वापस जाएं.
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फिंगर क्षेत्र में, चीनी पक्ष ने अंतिम वार्ता के बाद विघटन शुरू कर दिया था लेकिन वहां 2-3 दिनों के बाद प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई थी.