फेस्टिव सीजन सेल के दौरान उपभोक्ता ई-कॉमर्स वेबसाइट पर थोक के भाव सामान खरीदते हैं.
मोदी सरकार (Modi Government) का नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 (New Consumer Protection Act 2019) ग्राहकों को काफी मजबूत करेगा. ब्रांडेड कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) में भी अब यह कानून लागू होगा.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने 27 जुलाई को कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए दंड व जुर्माना भी कानून के प्रावधानों के तहत होगा. उन्होंने कहा, विक्रेता द्वारा कहीं भी अधिकतम अंकित मूल्य यानी एमआरपी से अधिक दाम लेने पर कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि पुराने कानून के तहत उपभोक्ता किसी उत्पाद में गड़बड़ी की शिकायत उसी जगह के फोरम में शिकायत कर सकते थे,
ई-कॉमर्स वेबसाइट का जाल और नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट
बता दें कि ई-कॉमर्स वेबसाइट का जाल अब बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक पहुंच गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने 20 जुलाई, 2020 से पूरे देश में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया है. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को कई तरह के अधिकार मिल गए हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 ग्राहक को उन कंपनियों से भी लड़ने का ताकत देता है, जो पहले के उपभोक्ता कानून में नहीं था. उपभोक्ता अधिनियम 1986 में अगर सामान में कोई दिक्कत आ जाती तो उसको बदलने में कंपनियां टालमटोल करती थीं, लेकिन नए उपभोक्ता कानून में ऐसा नहीं होगा. इसके साथ ही भ्रामक विज्ञापन और ग्राहकों को ठगने वाली कंपनियों पर लगाम कसी जाएगी. नए उपभोक्ता कानून में ग्राहक अपना हक कई तरह से ले सकते हैं.

ई-कॉमर्स वेबसाइट का जाल अब बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक पहुंच गया है.
सेल में बिकने वाली चीजों पर भी कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू होगा?
खासतौर पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में सेल में बिकने वाली चीजों पर भी कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू होगा. अगर किसी ब्रांडेड कंपनी की सेल है और ग्राहकों को कंपनियां बिल या रशीद देती है तो उस पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो सकता है. लेकिन, जो विक्रेता न रशीद देता और न ही बिल तो उनके खिलाफ मामला साबित करना कमिशन के लिए मुश्किल होगा. अगर रशीद या बिल में पहले से ही टर्म्स एंड कंडिशंस अप्लाई लिखा होता है तो इस परिस्थिति में कमिशन कंपनी के नियम और शर्तों को कितना तवज्जो देगा यह कमिशन फैसला करता है.
नए उपभोक्ता कानून में कई बड़े बदलाव
नए उपभोक्ता कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. अब उपभोक्ता कहीं से भी सामान खरीद कर कहीं भी केस दर्ज करवा सकता है. अब कंज्यूमर फोरम की जगह कंज्यूमर कमिशन ने ले लिया है, अब कंज्यूमर देश के किसभी भी कमिशन में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. पहले भ्रामक विज्ञापन करने पर सिलेब्रिटीज पर कोई आंच नहीं आती थी, लेकिन नए कानून में भ्रामक विज्ञापन करने के दोषी पाए जाने पर सिलेब्रिटीज पर जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है.
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इसी तरह ई-कॉमर्स पहले के कानून में शामिल नहीं था, लेकिन नए कानून में ई-कॉमर्स पर खासतौर पर शिकंजा कसा गया है. इब ई-कॉमर्स कंपनियों को प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी. साथ ही सामान की गुणवत्ता, खरीदने और वापसी की पूरी प्रक्रिया के साथ प्रोडक्ट की शिकायत कहां करें उसके बारे में लिखना अनिवार्य कर दिया गया है.