आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ने वाईएस जगन की तीन राजधानी योजना को मंजूरी दी
Andhra Pradesh Three Capital Plan: आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन (Governor Biswabhusan Harichand) ने एपी डिसेंट्रलाइजेशन और सभी क्षेत्रों के इनक्लूसिव डेवलपमेंट बिल 2020 और एपी कैपिटल रीजल डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल 2020 को कल मंजूरी दी है. जिसके बाद आंध्र प्रदेश के नागरिक प्रशासन मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी जल्द ही विशाखापट्टनम में कार्यकारी राजधानी की नींव रखेंगे.
यह उच्च स्तरीय समिति विशाखापट्टनम में सुरक्षा और पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का अध्ययन करेगी. यह राजधानी में अतिरिक्त पुलिस बलों की आवश्यकता पर भी ध्यान देगी. पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने निर्देश दिया है कि यह समिति 2 सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी. आंध्र के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने एपी डिसेंट्रलाइजेशन और सभी क्षेत्रों के इनक्लूसिव डेवलपमेंट बिल 2020 और एपी कैपिटल रीजल डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल 2020 को कल मंजूरी दी है. जिसके बाद आंध्र प्रदेश के नागरिक प्रशासन मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी जल्द ही विशाखापट्टनम में कार्यकारी राजधानी की नींव रखेंगे.
‘तीन राजधानी’ प्लान का विरोध कर रहे किसान
इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के तुरंत बाद मुख्यमंत्री विशाखापट्टनम में कार्यकारी राजधानी का शिलान्यास कर सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि जगन ने शिलान्यास समारोह की व्यवस्था का जिम्मा सीएमओ कर्मचारियों को सौंपा है. इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों की शिफ्टिंग जल्द ही चरणबद्ध तरीके से शुरू हो सकती है. अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो राज्य सचिवालय और अन्य प्रशासनिक कार्यालयों को 25 अक्टूबर तक विशाखापट्टनम में शिफ्ट कर दिया जाएगा. हालांकि इसका विरोध भी शुरू हो गया है. चंद्राबाबू नायडू शासन के दौरान राज्य की राजधानी के विकास के लिए सरकार को लगभग 34,000 एकड़ जमीन देने वाले अमरावती के किसानों ने सरकार के इस कदम का विरोध करना शुरू कर दिया है. वह प्रशासनिक राजधानी को विशाखापट्टम में शिफ्ट करने का विरोध कर रहे हैं.आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियों के लिए राज्यपाल की मंजूरी के खिलाफ टुल्लुरु, मंडादम, वेंकटैयापलेम और वेलगापुडी के सैकड़ों किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि राज्य सरकार हजारों किसानों के बलिदान के बारे में सोचे. अब हम न्यायपालिका पर अपनी उम्मीद जगा रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ किसान मंगलवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करने की योजना बना रहे हैं.