अब तक 6 राज्यों में साझा किए आंकड़े
मंत्री ने उद्योग मंडल CII द्वारा आयोजित वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) में कहा, ‘‘जल्दी ही मैं ऑनलाइन भूमि बैंक की शुरूआत करूंगा. ये जमीन कुछ राज्यों में उपलब्ध है. अब तक छह राज्यों ने आंकड़े साझा किये हैं…हमने करीब 5,00,000 हेक्टेयर जमीन की पहचान की है जो उद्योग के लिये उपलब्ध है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए जमीन को लेकर किसी प्रकार की चिंता निराधार है. पूरे देश में अलग-अलग उद्योगों के लिये पर्याप्त जमीन उपलब्ध है.’’ मंत्रालय देश के विभिन्न भागों में उद्योग केंद्रित संकुल तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहा है.यह भी पढ़ें: Railway का बड़ा तोहफा! आरामदायक सफ़र के लिए शुरू करने जा रहा ये खास ट्रेनें
श्रम कानून पर राज्यों के सुझाव पर विचार कर रहा केंद्र
श्रम कानूनों (Labor Law) के बारे में गोयल ने कहा कि 16-17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र को प्रस्ताव भेजे हैं और श्रम मंत्रालय उन सिफारिशों को देख रहा है. श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) ने उनके विचारों को व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहा है ताकि राज्य श्रम कानून परिवेश को लागू करने की पेशकश कर सकें जिसे लागू करना आसान होगा. इसमें श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि उद्योग को इन कानूनों को लागू करने में कठिनाई नहीं हो.
उन्होंने उद्योग से अपने सदस्यों को कानून के दुरूपयोग को लेकर संवेदनशील बनाने को भी कहा. उन्होंने सदस्यों को यह बताने को कहा कि यह उद्योग के लिये कितना नुकसानदायक हो सकता है.
कानूने को लेकर संवेदनशीलता जरूरी
गोयल ने कहा, ‘‘…जब आप स्व-प्रमाणन की बात करते हैं, मेरी चिंता यह है कि हम स्वयं से व्यवस्था को बहुत अच्छी तरह से संचालित नहीं करते… यहां खुद से मेरा मतलब सरकार से नहीं है… आपको लोगों को कानून के दुरूपयोग के गंभीर परिणाम को लेकर संवेदनशील बनाना होगा और यह बताना होगा कि कैसे यह उद्योग के लिये नुकसानदायक हो सकता है. कानून का उल्लंघन अधिकारियों को और प्रक्रियाएं सृजित करने के लिये अवसर देता है.’’
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उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल CII, FICCI और ASSOCHAM के प्रमुखों को गड़बडी को उजगार करने वालों की भूमिका निभानी है. मंत्री ने यह भी कहा कि निर्यात और आयात के आंकड़ों से व्यापार में पुनरूद्धार के साफ संकेत हैं. उन्होंने कहा कि देश का निर्यात और आयात पिछले साल के स्तर के करीब 75 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है.
इसी कार्यक्रम में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव गुरूप्रसाद महापात्र ने कहा कि उद्योग के लिये अनुपालन बोझ को कम करने के लिये प्रयास जारी हैं.