डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में चल रहा सियासी घमासान फिलहाल थमता दिखाई नहीं दे रहा है। शुक्रवार को सचिन पायलट गुट को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे। इस दौरान जहां सीएम ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की, तो वहीं परिसर में कांग्रेस विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में नारे लगाए और धरना दिया। इसके बाद राज्यपाल बाहर आए और विधायकों से कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। विचार-विमर्श के लिए वक्त चाहिए।
#WATCH Rajasthan: Congress MLAs supporting Chief Minister Ashok Gehlot sit and raise slogans at Raj Bhawan.
The Chief Minister had met Governor Kalraj Mishra this afternoon over the issue of the convening of the Assembly Session. pic.twitter.com/m6XhwwMuM2
— ANI (@ANI) July 24, 2020
राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना ही होगा
राजस्थान सरकार में मंत्री का कहना है कि कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है, तो राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना ही होगा। केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है। वहीं राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि अगर कोरोना का संकट है तो वो सभी विधायकों को कोरोना टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी गुंडागर्दी कर रही है। क्या गवर्नर Article 174 के तहत विधानसभा सत्र बुलाने से इंकार कर सकते है? जब कांग्रेस सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है तो बीजेपी भाग क्यों रही है?कब तक जनमत का चीरहरण करेंगे?
क्या कहा अशोक गहलोत ने?
इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि हमने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है कि वो तुरंत विधानसभा सत्र बुलाएं। जिसमें कोरोना संकट, लॉकडाउन पर चर्चा हो सके। लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है, हमने रात को चिट्ठी लिखी थी। हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव होने के कारण वो विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं। सीएम ने ये भी कहा कि अगर राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुलाते हैं तो जनता राजभवन का घेराव कर सकती है। ऐसी स्थिति में हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। गहलोत ने कहा, मैं बार-बार कह रहा हूं कि मेरे पास बहुमत है। हमारे कुछ लोगों को बीजेपी के लोगों ने बंधक बनाकर रखा है, वे हमारे साथी हैं। वे रो रहे हैं। टेलीफोन कर रहे हैं कि हमें यहां से छुड़ाओ।