प्रतीकात्मक तस्वीर
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत संचालित और देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों में शामिल IIMC पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विषयों में परास्नातक डिप्लोमा कोर्स कराता है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अगस्त में एचआरडी मंत्रालय को IIMC को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा देने की सिफारिश की थी. एचआरडी उच्चतर शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने कहा, ‘IIMC को आशय पत्र जारी किया गया है और कुछ विसंगतियों का पता चला है. उन्हें दूर करने के बाद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा.’
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत संचालित और देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों में शामिल IIMC पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विषयों में परास्नातक डिप्लोमा कोर्स कराता है. IIMC के महानिदेशक के जी सुरेश ने कहा, ‘हम इसे लेकर आशान्वित हैं और यह देश में मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. इस क्षेत्र में बड़ा निर्वात बना हुआ है. अब तक, हम उद्योग के लिए छात्रों को तैयार कर रहे थे लेकिन मानद विश्वविद्यालय दर्जा मिलने के बाद हम परास्नातक, एमफिल और पीएचडी सहित परास्नातक कोर्स चला पाएंगे और हम छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी तैयार कर पाएंगे.’
यह भी पढ़ें: पेड न्यूज, फेक न्यूज के लिए मीडिया पर बाहरी प्रतिबन्ध की जरूरत नहींः IIMC डायरेक्टरयूजीसी ने IIMC के प्रस्ताव का विश्लेषण करने के लिए पिछले साल भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति बी के कुठियाला की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया था. बाद में इस समिति को भंग कर दिया गया था और दो समितियों ने सिफारिश की थी.
समिति की सिफारिश और निरीक्षण दल की प्रतिक्रिया के आधार पर, यूजीसी ने सिफारिश की कि मंत्रालय को ‘डि नोवो’ श्रेणी के तहत इस संस्थान को आशय पत्र जारी किया जाना चाहिए. IIMC दिल्ली और ढेंकनाल में दो परिसरों से बढकर बीते पांच साल में जम्मू, अमरावती, कोट्टायम और आइजोल सहित कुल छह परिसरों वाला हो गया है.
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