देश में बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले. (PIC- AP)
Maharashtra Coronavirus: मार्च से ही महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ी है. फरवरी में जहां राज्य में रोजाना की ऑक्सीजन मांग 150-200 मीट्रिक टन थी तो वहीं मौजूदा समय में यह मांग रोजाना 700-750 मीट्रिक टन हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा हालात औरंगाबाद में खराब हैं. जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले सभी बेड भरे हुए हैं. ऐसे में मरीजों को घरों में इलाज चलाना पड़ रहा है. जिले में मार्च के अंतिम दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट 43.8 फीसदी थी. शुक्रवार और शनिवार को जिले के अस्पतालों में कुल 2214 ऑक्सीजन वाले बेड भर गए. शहर में कुल 15,484 कोविड केस सामने आए हैं. इनमें 4600 मरीज होम आइसोलेशन में हैं.
मार्च से ही महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ी है. फरवरी में जहां राज्य में रोजाना की ऑक्सीजन मांग 150-200 मीट्रिक टन थी तो वहीं मौजूदा समय में यह मांग रोजाना 700-750 मीट्रिक टन हो गई है. औरंगाबाद में ही रोजाना की ऑक्सीजन मांग 49.5 मीट्रिक टन है. यह फरवरी के आखिर में 15-17 मीट्रिक टन थी.
कहा जा रहा है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन वहां उपलब्ध ऑक्सीजन सेवा वाले बेड की कमी चल रही है. जिन भी मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए कहा जा रहा है, उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर पाने में कठिनाई हो रही है. इस किल्लत को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को उत्पादनकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे कुल उत्पादित ऑक्सीजन का 80 फीसदी हिस्सा मेडिकल इस्तेमाल के लिए भेजें जबकि 20 फीसदी हिस्सा औद्योगिक इस्तेमाल के लिए रखें. ऐसा 30 जून तक करने को कहा गया है.
शनिवार को महाराष्ट्र में कुल 49,447 नए कोरोना केस सामने आए. ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑक्सीजन की कमी के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में कुल उत्पादित ऑक्सीजन का 100 फीसदी हिस्सा मेडिकल इस्तेमाल के लिए करने पर विचार कर रही है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘पिछले हफ्ते हमने यह तय किया है कि कुल उत्पादित ऑक्सीजन का 20 फीसदी हिस्सा ही औद्योगिक रूप से इस्तेमाल हो. 80 फीसदी हिस्सा मेडिकल सेवाओं में उपयोग किया जाए. मुझे लगता है कि अब 100 फीसदी ऑक्सीजन मेडिकल इस्तेमाल में उपयोग करने का वक्त आ गया है. अगर ये पर्याप्त नहीं होता है तो हम गंभीर संकट में होंगे.’