स्टिकी बम का इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध अफगान युद्ध के दौरान भी होता रहा है
Jammu Kashmir Latest news in Hindi: सुरक्षा एजेंसियों को जो इनपुट मिला है उसके मुताबिक आईईडी की तरह इस बम को इस्तेमाल करने की कोशिश की जाएगी. बम का वजन करीब ढाई सौ ग्राम होगा और यह रिमोट कंट्रोल द्वारा संचालित होगा.
स्टिकी बम की जो कि कुछ हफ्ते पहले सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में बरामद किए थे. इनको आतंकियों के पास से बरामद किया गया था. बेहद छोटे साइज के इन बम में चुंबक या फिर चिपकाने वाला पदार्थ लगाकर आतंकी इसको वाहन और संवेदनशील जगह पर लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि बड़ा से बड़ा धमाका हो और घाटी में एक बार फिर दहशत फैले.
घाटी में सीआरपीएफ के तैयार की रणनीति
सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के मंसूबे का अंदाजा है जिसके बाद इनको जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा, कुछ आतंकियों के पास से हमने यह बरामद किया है जिसके बाद हमने अपनी रणनीति तैयार की है. हमें पूरी जानकारी है इस तरीके के खतरे के बारे में तो हमने वाहनों की चेकिंग और अपनी फोर्स जो की घाटियों में तैनात है वहां पर मुस्तैद रहने के लिए कह दिया है.आईईडी की तरह इस्तेमाल किए जाएंगे बम
सुरक्षा एजेंसियों को जो इनपुट मिला है उसके मुताबिक आईईडी की तरह इस बम को इस्तेमाल करने की कोशिश की जाएगी. बम का वजन करीब ढाई सौ ग्राम होगा और यह रिमोट कंट्रोल द्वारा संचालित होगा. हालांकि स्टिकी बम का इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध अफगान युद्ध के दौरान भी होता रहा है लेकिन कश्मीर घाटी में इसका इस्तेमाल बिल्कुल नई बात है. इस बम को फटने में सिर्फ 5 से 10 मिनट लगते हैं और नुकसान बहुत बड़ा होता है. खतरे के इस पहलू को देखते हुए वाहनों की चेकिंग भी बड़ी तादात में बढ़ा दी गई है.
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में टी आर एफ यानि द रजिजस्टेंस फ्रंट आतंकी संगठन जो कि कुछ समय पहले ही बना है वह है ऐसे एक्सप्लोजिव को इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है. हालांकि भारत में अब तक दिल्ली में ही इस तरीके के धमाके की जानकारी सामने आई है जो कि 2021 में इजरायल दूतावास के सामने हुआ था, लेकिन इतनी व्यापक स्तर पर स्टिकी बम का बरामद होना इस बात की ओर इशारा करता है कि आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं.